साहित्य हमारी भाषा और शैली को समृद्ध बनाता है
साहित्य हमारी भाषा और शैली का खज़ाना सा हित्य सिर्फ कहानियों और कविताओं का संग्रह नहीं है, बल्कि यह हमारे विचारों, भावनाओं और समाज का एक दर्पण है। यह हमें नए शब्दों, वाक्यांशों और मुहावरों से परिचित कराता है, जिससे हमारी भाषा और शैली और अधिक समृद्ध बनती है। साहित्य के माध्यम से हम न सिर्फ अपनी मातृभाषा में महारत हासिल करते हैं, बल्कि अपनी अभिव्यक्ति की क्षमता को भी बढ़ाते हैं। जब हम कोई उपन्यास या कहानी पढ़ते हैं, तो हम विभिन्न पात्रों की भाषा और शैली को देखते हैं। हर पात्र की अपनी एक अलग भाषा होती है, जो उसके व्यक्तित्व, शिक्षा और सामाजिक परिवेश को दर्शाती है। उदाहरण के लिए, एक गांव का किसान और एक शहर का डॉक्टर अलग-अलग तरह की भाषा का प्रयोग करेंगे। इस तरह, हम विभिन्न प्रकार की भाषाओं से परिचित होते हैं और अपनी शब्दावली को बढ़ाते हैं।साहित्य में हमें कई तरह के वाक्यांश और मुहावरे मिलते हैं, जो हमारी भाषा को और अधिक प्रभावशाली बनाते हैं। ये मुहावरे हमारी भावनाओं को अधिक सटीक रूप से व्यक्त करने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, हम कह सकते हैं कि "मैं आसमान से बातें कर रहा था" या...